बैंगलुरू (साहित्य 24 प्रतिनिधि) – बेंगलुरु की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था साहित्य साधक मंच का 215वां मासिक कार्यक्रम पटना से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ श्याम बिहारी प्रभाकर की अध्यक्षता, वाराणसी के प्रसिद्ध गीतकार जय शंकर सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं बेंगलुरु की प्रसिद्ध शिक्षाविद,लेखक एवं समीक्षक डॉ मैथिली राव और आल इंडिया रेडियो के पूर्व निदेशक मिलनसार अहमद के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित हुआ। पद्मा श्रीनिवास वसुधा द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना के उपरांत मंच के अध्यक्ष ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने स्वागत उद्बोधन दिया। सचिव मंजू वेंकट ने उपन्यास मछुआरन की लेखिका डॉ पूनम सिन्हा का परिचय दिया। प्रभात रंजन ने उपन्यास के बारे में संक्षिप्त में अपने उद्गार व्यक्त किया। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों द्वारा उपन्यास “मछुआरन’ का लोकार्पण किया गया। उपन्यास की समीक्षा करते हुए डॉ मैथिलि राव ने कहा कि ’मछुआरन’ उपन्यास आज के इस कठोर, अविश्वास, उदासीनता के वातावरण में प्रेम एवं विश्वास जैसी उदात्त भावनाओं, सूक्ष्म मानव संवेदनाओं से प्रेरित सशक्त कथानक है। मछुआरों के संघर्षमय जीवन का चित्रण, शहरी एवं अमीर लोगों के जीवन की समृद्धि के पीछे छिपी कृत्रिम जीवन शैली, दोहरे विस्थापन की त्रासदी, पूंजीवाद के अच्छे एवं बुरे पक्ष, आकांक्षाओं से प्रेरित मनुष्य का जीवन, पर्यावरण परिवर्तन के कुप्रभाव आदि अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं को सरल भाषा एवं शैली में पिरोते हुए सदियों से स्थापित जीवन विवेक एवं जीवन मूल्यों की ओर प्रेरित करता है।यह उपन्यास शुद्ध नदी के जल सा आह्लादित करने वाला सफल उपन्यास है। डॉ पूनम सिन्हा ने अपने उद्बोधन में उपन्यास की रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर साहित्य साधक मंच द्वारा डॉ पूनम सिन्हा का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. श्याम बिहारी प्रभाकर, जय शंकर सिंह, मिलनसार अहमद,प्रतीक्षा तिवारी, अर्जुन सिंह धरमधारी,डाॅ शैलजा रोला, नयना जैन, रघुबीर अग्रवाल ,काव्या खन्ना, रामस्वरूप कुशवाहा, वरुण दीक्षित, उदय प्रताप सिंह, डाली महापात्रा, पद्मा श्रीनिवासन वसुधा, मंजू वेंकट, सुधा दीक्षित, सुशील कुमार, दीपक पांडे, डॉ.रजनी शाह, सुधा अहलुवालिया, डॉ इंदु नारा, डाॅ मृदुला सिंह चौहान, ज्ञानचंद मर्मज्ञ, प्रीति राही, भूपेंद्र सिंह “कटाक्ष”, प्रयास जोशी, प्रबल प्रताप सिंह राणा, अरूणा राणा, डॉ. कोमल प्रसाद राठौर, स्वीटी सिंघल सखी, डाॅ सुधा आदेश,सुशील कुमार,रघुबीर अग्रवाल,राही राज़, कावूरी नागलक्ष्मी,अंजु भारती, प्रभात रंजन, डाॅ पूनम सिन्हा, नमिता सिन्हा,पहाड़ सिंह, मोहम्मद फज़ल और राम राघव ने उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का सञ्चालन ज्ञानचंद मर्मज्ञ एवं मंजू वेंकट ने किया और सभी साहित्यकारों व साहित्य प्रेमी श्रोताओं के आभार प्रगट किया अगले माह फिर मिलने के वादे के साथ सभा विसर्जित हुई ।
साहित्य24/ प्रवल प्रताप सिंह राणा







